सुन्दरता जो आखों से है
सुन्दरता जो होठों
से है
सुन्दर है कोई चेहरे से
किसी के गाल
गुलाबी सुन्दर
कोई सुन्दर बाल बनाता
कोई कानों में झुमके लगाता
कोई कंगन से, कोई पायल से
कोई बिंदी
से हुआ घायल है
ऐ मूरख
तू आखें खोल
ना आखों
से, ना बालों से
ना कंगन
से, ना पायल से
ना चेहरे
से, ना गालों से
सुन्दर है जो कोई
मन से
वो असल भाव सुन्दर है
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