क्या ये सिर्फ एक अनुभव है
या एक अंतरमन का अहसास
क्या ये जीवन की पहेली है
या जिंदगी का सार
वास्तविकता से परे
काल्पनिकता से दूर
मिथ्या जैसा धूसर
कहानी जैसा रोचक
कभी काला
कभी सफ़ेद
कभी स्पष्ट
तो कभी ओझल
कल विश्वास
आज अन्धविश्वास
न तेरा न मेरा
न रात न सवेरा
किसका, क्या और कहाँ है ये सच?
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