Wednesday, April 8, 2015

G for - गुड़िया थी वो मेरी ~ 7th day for A-to-Z Challenge


गुड़िया थी वो मेरी
नन्हीं मुन्ही प्यारी प्यारी
जैसे घर पहुचता था मैं
रोती कह के गाड़ी गाड़ी
चक्कर जो देता मैं उसको
बन जाती फुलवारी वारी
शेव जभी बनाता था मैं
कहती मेरी बारी बारी
सबसे कहती है पापा की
लाडी लाडी लाडी लाडी

पर ऊपर वाले ने कोई
चक्कर और बनाया था
नन्ही मुन्ही सी बच्ची के
दिल में छेद बिठाया था
छह साल की थी मेरी बच्ची
जब ईश्वर ने उसे बुलाया था
कल तक जिस घर में किलकारी थी
अब शमशान समाया था!!!

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